राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी जलवायु परिवर्तन के युग में बदल रही है और भारत ने इस संबंध में राह दिखाने के लिए विश्व का नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर प्रत्येक नागरिक गांधीजी की सलाह का स्मरण कर सकता है और आसपास की दुनिया को सुधारने में सहायता कर सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जी चाहते थे कि हम अपने भीतर झांक कर देखें, आत्म-निरीक्षण करें और बेहतर इंसान बनने का प्रयास करें और उसके बाद बाहर भी देखें, लोगों के साथ सहयोग करें और एक बेहतर भारत तथा बेहतर विश्व के निर्माण में अपना योगदान करें।
कोविड महामारी की चुनौती के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि देश ने कोरोना वायरस से निपटने में अभूतपूर्व दृढ निश्चय किया है।